कम से कम ये तो सोचा होता

कम से कम ये तो सोचा होता
गम देने से पहले , खुशी का हिसाब 
ठुकरा देना ही जिंदगी नही होती
और हर मुस्कुराहट के पीछे अच्छी वजह नही होती
सोचा तो होता , गम से पहले खुशी का रिश्ता
और रिश्तों में गम का हिस्सा।
--अभय

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